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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
aiṃ hrīṃ klīṃ chāmuṇḍāyai vichchē jvala haṃ saṃ laṃ kṣaṃ phaṭ svāhā ॥ 5 ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
इस पाठ के करने से अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं.
यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं here पठेत्।
जाग्रतं हि महादेवि जप ! सिद्धिं कुरूष्व मे।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
इसके प्रभाव से जातक उच्चाटन, वशीकरण, मारण, मोहन, स्तम्भन जैसी सिद्धि पाने में सफल होता है.